Mumbai,चर्नी रोड स्टेशन: वास्तविकता बनाम भ्रम क्या है ?
इसके बारे में कई भ्रम प्रचलित हैं । आज हम आपको इसकी वास्तविकता बतलाने जा रहे हैं ।
चर्नी रोड स्टेशन के बारे में भ्रम
कई लोगों को Mumbai,चर्नी रोड स्टेशन चर्नी रोड स्टेशन के बारे मे आज भी यह भ्रम है कि चर्नी रोड स्टेशन का नाम लॉर्ड चर्नी नामक किसी अंग्रेज अधिकारी के नाम पर रखा गया ।
वास्तविकता मे चर्नी मराठी शब्द है जिसका अर्थ है वह स्थान जहाँ मवेशी चरते हैं ।
वर्तमान समय केआजाद मैदान तथा क्रॉस मैदान के इलाके मेंअंग्रेजों के समय में चर्नी हुआ करती थी।
जहॉ मवेशी चरा करते थे । परंतु कालांतर में अंग्रेजों ने मवेशियों के चरने पर कर लगा दिया ।
कर लगाने से मवेशियों को चराने में उनके चरवाहों को समस्याएँ आने लगीं ।
इसी समस्या के कारण गिरगाँव के गरीब मवेशी अधिक संख्या में मरने लगे ।
असहाय मवेशियों की व गरीबों की ऐसी स्थिति देखकर तत्काल एक पारसी व्यक्तिआगे आए । इस पारसी व्यक्ति का नाम था जमशेदजी जीजी भाय ।
इन्होंने ठाकुरद्वारा के पास की समुद्र किनारे की जमीन ₹20000 में खरीद ली । यह जमीन उन्होंने सेवा भाव के उद्देश्य से खरीदी थी ।इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने यह ज़मीन गरीब और गूंगे मवेशियों को निःशुल्क चरने के लिए दे दी । इसी चर्नी के निकट एक रोड भी था । इनके निकट होने के कारण इस स्टेशन का नाम चर्नी रोड स्टेशन पड़ा ।
निकटतम स्थान
चर्नी रोड बहुत सारी ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासतों का केंद्र भी रहा है ।
सैफी हॉस्पिटल , ठाकुरद्वार, गायवाड़ी , प्रार्थना समाज , भूलेश्वर , मुंबई मराठी साहित्य संघ, कालबादेवी इसकी रौनक को बढ़ाते हैं ।
पश्चिम में गिरगॉव चौपाटी जिसे लकड़ावाला बंदरगाह भी कहा जाता था वह भी इसकी शान में लहरा रहा है ।
दूसरी तरफ तारापुर वाला मत्स्यालय , मुंबई की कुलदेवी मुंबा देवी का मंदिर , रंगों के बाजार की गुलालवाड़ी इसकी रौनक में चार चाँद लगा रहे हैं ।
चर्नी रोड में एक सट्टा गली भी है जहाँ पहले जमाने में लोग सट्टा लगाया करते थे ।
हमारी यात्रा जारी रहेगी । फिर मिलेंगे अगले स्टेशन पर ।